संविदा में भूल के विधिक परिणाम क्या हैं?- Part 16 (सेक्शन 20, 21, 22)
संविदा पर भूल (mistake) का प्रभाव संविदा में भूल का प्रभाव निर्णायक होता है। The Indian Contract Act का सेक्शन 20, 21 और 22 संविदा करने मे हुए...
संविदा पर भूल (mistake) का प्रभाव संविदा में भूल का प्रभाव निर्णायक होता है। The Indian Contract Act का सेक्शन 20, 21 और 22 संविदा करने मे हुए...
कपट और दुर्व्यप्देशन से अगर संविदा के लिए सहमति प्राप्त की जाती है, तो यह सहमति स्वतंत्र नहीं मानी जाती है और पीड़ित पक्ष के पास...
असम्यक प्रभाव क्या है? (What is undue influence) असम्यक प्रभाव का सामान्य आशय होता है अनुचित प्रभाव। अगर कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के...
संविदा अधिनियम मे अनुसार विकृतचित्त व्यक्ति कौन है? विकृतचित्त व्यक्ति से संविदा विधि द्वारा मान्य नहीं होता है। क्योंकि संविदा के लिए यह आवश्यक...
वयस्क से संविदा अवयस्क से संविदा कानून की दृष्टि में मान्य नहीं है। सेक्शन 10 के अनुसार अवयस्क संविदा करने के लिए सक्षम नहीं हैं। इसके...
प्रत्यास्थापन का सिद्धांत (The Doctrine of Restitution) प्रत्यास्थापन का सिद्धांत का सामान्य आशय होता है उस लाभ का प्र्त्यावर्तन या प्रस्थापन यानि वापस करना...
स्वतंत्र सहमति स्वतंत्र सहमति का अर्थ है ऐसी सहमति जिसमें ये पाँच कमियाँ न हो (सेक्शन 14)- प्रपीड़न, असम्यक प्रभाव, कपट, दुर्व्यपदेशन और भूल।...
प्रीविटी ऑफ कांट्रैक्ट अथवा संविदा का संबंध प्रीविटी ऑफ कांट्रैक्ट का अर्थ है जो संविदा के पक्षकार नहीं हैं वह उसे लागू कराने के...
प्रीविटी ऑफ कांट्रैक्ट अर्थात जो संविदा के पक्षकार नहीं हैं वह उसे लागू कराने के लिए न्यायालय में वाद नहीं ला सकते हैं। लेकिन...
प्रतिफल (consideration) एक वैध संविदा के लिए अनिवार्य तत्त्व है। इस के विषय में पिछले आलेख में हमने चर्चा की थी। अब हम प्रतिफल से संबंधित...