लोक स्वास्थ्य, क्षेम, सुविधा, शिष्टता और सदाचार पर प्रभाव डालने वाले अपराधों के विषय में- अध्याय 14

Share
268. लोक न्यूसेंस
269. उपेक्षापूर्ण कार्य जिससे जीवन के लिए संकटपूर्ण रोग का संक्रमण फैलना सम्भाव्य हो
270. परिद्वेषपूर्ण कार्य जिससे जीवन के लिए संकटपूर्ण रोग का संक्रमण फैलना सम्भाव्य हो
271. करन्तीन के नियम की अवज्ञा
272. विक्रय के लिए आशयित खाद्य या पेय का अपमिश्रण
273. अपायकर खाद्य या पेय का विक्रय
274. औषधियों का अपमिश्रण
275. अपमिश्रित औषधियों का विक्रय
276. औषधि का भिन्न औषधि या निर्मित के तौर पर विक्रय
277. लोक जल स्रोत या जलाशय का जल कलुषित करना
278. वायुमण्डल को स्वास्थ्य के लिए अपायकर बनाना
279. लोक मार्ग पर उतावलेपन से वाहन चलाना या हाँकना
280. जलयान को उतावलेपन से चलाना
281. भ्रामक प्रकाशए चिन्ह या बोये का प्रदर्शन
282. अक्षेमकर या अति लदे हुए जलयान में भाड़े के लिए जलमार्ग से किसी व्यक्ति का प्रवहण
283. लोक मार्ग या नौ परिवहन पथ में उपेक्षापूर्ण आचरण
284. विषैले पदार्थ के सम्बन्ध में उपेक्षापूर्ण आचरण
285. अग्नि या ज्वलनशील पदार्थ के सम्बन्ध में उपेक्षापूर्ण आचरण
286. विस्फोटक पदार्थ के बारे में उपेक्षापूर्ण आचरण
287. मशीनरी के सम्बन्ध में उपेक्षापूर्ण आचरण
288. किसी निर्माण को गिराने या उसकी मरम्मत करने के सम्बन्ध में उपेक्षापूर्ण आचरण
289. जीवजन्तु के सम्बन्ध में उपेक्षापूर्ण आचरण
290. अन्यथा अनुपबन्धित मामलों में लोक न्यूसेंस के लिए दण्ड
291. न्यूसेंस बन्द करने के व्यादेश के पश्चात् उसका चालू रखना
292. अश्लील पुस्तकों का विक्रय आदि
293. तरूण व्यक्तिय को अश्लील वस्तुओं का विक्रय आदि
294. अश्लील कार्य और गाने
294क. लाटरी कार्यालय रखना

166.   लोक न्यूसेंस- वह व्यक्ति लोक न्यूसेंस का दोषी है, जो कोई ऐसा कार्य करता है, किसी ऐसे अवैध लोप का दोषी है, जिससे लोक को या जनसाधारण को जो आस-पास में रहते हों, या आस-पास की सम्पत्ति पर अधिभोग रखते हों, कोई सामान्य क्षति, संकट या क्षोभ कारित हो या जिससे उन व्यक्तियों का जिन्हें किसी लोक अधिकार को उपयोग में लाने का मौका पड़े, क्षति, बाधा, संकट या क्षोभ कारित होना अवश्यम्भावी हो।

       कोई सामान्य न्यूसेंस इस आधार पर माफी योग्य नहीं है कि उससे कुछ सुविधा या भलाई कारित होती है।

167.   उपेक्षापूर्ण कार्य जिससे जीवन के लिए संकटपूर्ण रोग का संक्रमण फैलना सम्भाव्य हो- जो कोई विधिविरूद्ध रूप से या उपेक्षा से ऐसा कार्य करेगा, जिससे कि वह जानता या विश्वास करने का कारण रखता हो किए जीवन के लिए संकटपूर्ण किसी रोग का संक्रम फैलना सम्भाव्य है, वह दोनों में से किसी भाँति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।

168.   परिद्वेषपूर्ण कार्य जिससे जीवन के लिए संकटपूर्ण रोग का संक्रमण फैलना सम्भाव्य हो- जो कोई परिद्वेष से ऐसा कोई कार्य करेगा जिससे कि, और जिससे वह जानता या विश्वास करने का कारण रखता हो किए जीवन के लिए संकटपूर्ण किसी रोग का संक्रमण फैलना संभाव्य है, वह दोनों में से किसी भाँति के कारावास से, जो दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।

169.   करन्तीन के नियम की अवज्ञा- जो कोई किसी जलयान को करन्तीन की स्थिति में रखे जाने के, या करन्तीन की स्थिति वाले जलयानों को किनारे से या अन्य जलयानों से समागम विनियमित करने के, या ऐसे स्थानों के, जहाँ कोई संक्रामक रोग फैल रहा हो और अन्य स्थानों के बीच समागम नियमित करने के लिए सरकार द्वारा बनाए गए और प्रख्यापित किसी नियम को जानते हुए अवज्ञा करेगा, वह दोनों में से किसी भाँति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा।

170.   विक्रय के लिए आशयित खाद्य या पेय का अपमिश्रण- जो कोई किसी खाने या पीने की वस्तु को इस आशय से कि वह ऐसी वस्तु को खाद्य या पेय के रूप में बेचे या यह सम्भाव्य जानते हुए कि वह खाद्य या पेय के रूप में बेची जाएगी, ऐसे अपमिश्रित करेगा कि ऐसी वस्तु खाद्य या पेय की रूप में अपायकर बन जाए, वह दोनों में से किसी भाँति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो एक हजार रूपये तक हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।

171.   अपायकर खाद्य या पेय का विक्रय- जो कोई किसी ऐसी वस्तु को, जो अपायकर कर दी गई हो, या हो गई हो, या खाने-पीने के लिए अनुपयुक्त दशा में हो, यह जानते हुए या यह विश्वास करने का कारण रखते हुए कि वह खाद्य या पेय के रूप में अपायकर है, खाद्य या पेय के रूप में बेचेगा, या बेचने की प्रस्थापना करेगा या बेचने के लिए अभिदर्शित करेगा, वह दोनों में से किसी भाँति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो एक हजार रूपये तक का हो सकेगा या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।

Read Also  Supreme Court on right to abortion

172.   औषधियों का अपमिश्रण- जो कोई किसी औषधि या भेषजीय निर्मित्ति में अपमिश्रण इस आशय से कि या यह सम्भाव्य जाानते हुए कि वह किसी औषधीय प्रयोजन के लिए ऐसे बेची जाएगी या उपयोग की जाएगी, मानो उसमें ऐसा अपमिश्रण न हुआ हो, ऐसे प्रकार से करेगा कि उस औषधि या भेषजीय निर्मित्ति की प्रभावकारिता कम हो जाए, क्रिया बदल जाए या वह अपायकर जो जाए, वह दोनों में से किसी भाँति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो एक हजार रूपये तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।

173.   अपमिश्रित औषधियों का विक्रय- जो कोई यह जानते हुए कि किसी औषधि या भेषजीय निर्मित्ति में इस प्रकार से अपमिश्रण किया गया है कि उसकी प्रभावकारिता कम हो गई या उसकी क्रिया बदल गई है, या वह अपायकर बन गई है, उसे बेचेगा या बेचने की प्रस्थापना करेगा, या बेचने के लिए अभिदर्शित करेगा, या किसी औषधालय से औषधीय प्रयोजनों के लिए उसे अनपमिश्रित के तौर पर देगा या उसका अपमिश्रत होना न जानने वाले व्यक्ति द्वारा औषधीय प्रयोजनों के लिए उसका उपयोग कारित करेगा, वह दोनों में  से किसी भाँति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो एक हजार रूपये तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।

174.   औषधि का भिन्न औषधि या निर्मित के तौर पर विक्रय- जो कोई किसी औषधि या भेषजीय निर्मित्ति को भिन्न औषधि या औषधीय निर्मित्ति के तौर पर जानते हुए बेचेगा या बेचने की प्रस्थापना करेगा या, बेचने के लिए अभिदर्शित करेगा या औषधीय प्रयोजनों के लिए औषधालय को देगा, वह दोनों में  से किसी भाँति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो एक हजार रूपये तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।

175.   लोक जल स्रोत या जलाशय का जल कलुषित करना- जो कोई लोक जलस्रोत या जलाशय के जल को स्वेच्छया इस प्रकार भ्रष्ट या कलुषित करेगा कि वह उस प्रयोजन के लिएए जिसके लिए वह मामूली तौर पर उपयोग में आता हो, कम उपयोगी हो जाए, वह दोनों में  से किसी भाँति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो पाँच सौ रूपये तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।

176.   वायुमण्डल को स्वास्थ्य के लिए अपायकर बनाना- जो कोई किसी स्थान के वायुमण्डल को स्वेच्छया इस प्रकार दूषित करेगा कि वह जनसाधारण के स्वास्थ्य के लिए, जो पड़ोस में निवास या कारोबार करते हों, या लोक मार्ग से आते-जाते हों, अपायकर बन जाए वह जुर्माने से जो पाँच सौ रूपये तक का हो सकेगा, दण्डित किया जाएगा।

177.   लोक मार्ग पर उतावलेपन से वाहन चलाना या हाँकना- जो कोई किसी लोक मार्ग पर ऐसे उतावलेपन या उपेक्षा से कोई वाहन चलाएगा या सवार होकर हाँकेगा जिससे मानव जीवन संकटापन्न हो जाए या किसी अन्य व्यक्ति को उपहति या क्षति कारित होना सम्भाव्य हो वह दोनों में  से किसी भाँति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो एक हजार रूपये तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।

178.   जलयान को उतावलेपन से चलाना- जो कोई किसी जलयान को ऐसे उतावलेपन या उपेक्षा से चलाएगा, जिससे मानव जीवन संकटापन्न हो जाए या किसी अन्य व्यक्ति को उपहति या क्षति कारित करना सम्भाव्य हो, दोनों में  से किसी भाँति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो एक हजार रूपये तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।

179.   भ्रामक प्रकाश, चिन्ह या बोये का प्रदर्शन- जो कोई किसी भ्रामक प्रकाश, चिन्ह या बोये का प्रदर्शन इस आशय से या यह सम्भाव्य जानते हुए करेगा कि ऐसा प्रदर्शन किसी नौ परिवाहक का मार्ग भ्रष्ट कर देगा, वह दोनों में से किसी भाँति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।

180.   अक्षेमकर या अति लदे हुए जलयान में भाड़े के लिए जलमार्ग से किसी व्यक्ति का प्रवहण- जो कोई किसी व्यक्ति को किसी जलयान में जलमार्ग से, जानते हुए या उपेक्षापूर्ण भाड़े पर तब प्रवहण करेगा, या कराएगा जब वह जलयान ऐसी दशा में हो या इतना लदा हुआ हो कि जिससे उस व्यक्ति का जीवन संकटापन्न हो सकता हो, वह दोनों में  से किसी भाँति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो एक हजार रूपये तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।

Read Also  लोक सेवकों द्वारा या उनसे सम्बन्धित अपराधों के विषय में- अध्याय 10

181.   लोक मार्ग या नौ परिवहन पथ में उपेक्षापूर्ण आचरण- जो कोई किसी कार्य को करके या अपने कब्जे में की, या अपने भार साधन के अधीन किसी सम्पत्ति की व्यवस्था करने का लोप करने के द्वारा, किसी लोक मार्ग या नौ परिवहन के लोक पथ में किसी व्यक्ति को संकट, या बाधा या क्षति कारित करेगा वह जुर्माने से, जो दो सौ रूपये तक का हो सकेगा, दण्डित किया जाएगा।

182.   विषैले पदार्थ के सम्बन्ध में उपेक्षापूर्ण आचरण- जो कोई किसी विषैले पदार्थ से कोई कार्य ऐसे उतावलेपन या उपेक्षा से करेगा, जिससे मानव जीवन संकटापन्न हो जाए, या जिससे किसी व्यक्ति को उपहति या क्षति कारित होना सम्भाव्य हो।

      या अपने कब्जे में के किसी विषैले पदार्थ की ऐसी व्यवस्था करने का, जो ऐसे विषैले पदार्थ से मानव जीवन को किसी अधिसम्भाव्य संकट से बचाने के लिए पर्याप्त हो, जानते हुए या उपेक्षापूर्वक लोप करेगा,

      वह दोनों में  से किसी भाँति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो एक हजार रूपये तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।

183.   अग्नि या ज्वलनशील पदार्थ के सम्बन्ध में उपेक्षापूर्ण आचरण- जो कोई अग्नि या किसी ज्वलनशील पदार्थ से, कोई कार्य ऐसे उतावलेपन या उपेक्षा से करेगा, जिससे मानव जीवन संकटापन्न हो जाए या जिससे किसी अन्य व्यक्ति को उपहति या क्षति कारित होना सम्भाव्य हो,

       अथवा अपने कब्जे में की अग्नि या किसी ज्वलनशील पदार्थ की ऐसी व्यवस्था करने का, जो ऐसी अग्नि या ज्वलनशील पदार्थ से, मानव जीवन को किसी अधिसम्भाव्य संकट से बचाने के लिए पर्याप्त हो, जानते हुए या उपेक्षापूर्वक लोप करेगा,

       वह दोनों में  से किसी भाँति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो एक हजार रूपये तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।

184.   विस्फोटक पदार्थ के बारे में उपेक्षापूर्ण आचरण- जो कोई किसी विस्फोटक पदार्थ से, कोई कार्य ऐसे उतावलेपन या उपेक्षा से करेगा, जिससे मावन जीवन संकटापन्न हो जाए या जिससे किसी अन्य व्यक्ति की उपहति या क्षति कारित होना सम्भाव्य हो,

अथवा अपने कब्जे में के किसी विस्फोटक पदार्थ की ऐसे व्यवस्था करने का जैसी ऐसे पदार्थ से मानव जीवन को अधिसम्भाव्य संकट से बचाने के लिए पर्याप्त हो, जानते हुए या उपेक्षापूर्वक लोप करेगा,

वह दोनों में  से किसी भाँति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो एक हजार रूपये तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।

185.   मशीनरी के सम्बन्ध में उपेक्षापूर्ण आचरण- जो कोई किसी मशीनरी से कोई कार्य ऐसे उतावलेपन या उपेक्षा से करेगा, जिससे मानव जीवन संकटापन्न हो जाए या जिससे किसी अन्य व्यक्ति को उपहति या क्षति कारित होना सम्भाव्य हो,

 अथवा अपने कब्जे में की या अपनी देख-रेख के अधीन की किसी मशीनरी की ऐसी व्यवस्था करने का, जो ऐसी मशीनरी में मानव जीवन को किसी अधिसम्भाव्य संकट से बचाने के लिए पर्याप्त हो, जानते हुए या उपेक्षापूर्वक लोप करेगा,

 वह दोनों में  से किसी भाँति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो एक हजार रूपये तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।

186.   किसी निर्माण को गिराने या उसकी मरम्मत करने के सम्बन्ध में उपेक्षापूर्ण आचरण- जो कोई किसी निर्माण को गिराने या उसकी मरम्मत करने करने में उस निर्माण की ऐसी व्यवस्था करने का, जो उस निर्माण के या उसके किसी भाग के गिरने से मानव जीवन को किसी अधिसम्भाव्य संकट से बचाने के लिए पर्याप्त हो, जानते हुए या उपेक्षापूर्वक लोप करेगा, वह दोनों में  से किसी भाँति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो एक हजार रूपये तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।

187.   जीवजन्तु के सम्बन्ध में उपेक्षापूर्ण आचरण- जो कोई अपने कब्जे में के किसी जीवजन्तु के सम्बन्ध में ऐसी व्यवस्था करने का, जो ऐसे जीवजन्तु से मानव जीवन अधिसम्भाव्य संकट या घोर उपहति के किसी अधिसम्भाव्य संकट से बचाने कि लिए पर्याप्त हो, जानते हुए या उपेक्षापूर्वक लोप करेगा, वह दोनों में  से किसी भाँति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो एक हजार रूपये तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।

188.   अन्यथा अनुपबन्धित मामलों में लोक न्यूसेंस के लिए दण्ड- जो कोई किसी ऐसे मामले में लोक न्यूसेंस करेगा जो इस संहिता द्वारा अन्यथा दण्डनीय नहीं है, वह जुर्माने से, जो दो सौ रूपये तक का हो सकेगा, दण्डित किया जाएगा।

189.   न्यूसेंस बन्द करने के व्यादेश के पश्चात् उसका चालू रखना- जो कोई किसी लोक सेवक द्वारा, जिसको किसी न्यूसेंस की पुनरावृत्ति न करने या उसे चालू न रखने के लिए व्यादेश प्रचालित करने का प्राधिकार हो, ऐसे व्यादिष्ट किए जाने पर, किसी लोक न्यूसेंस की पुनरावृत्ति करेगा, या उसे चालू रखेगा, वह सादा कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।

Read Also  हिन्दू विवाह (Hindu Marriage) (धारा 5-8)

190.   अश्लील पुस्तकों का विक्रय आदि- (1) उपधारा (2) के प्रयोजनार्थ किसी पुस्तक पुस्तिका, कागज, लेख, रेखाचित्र, रंगचित्र, रूपण, आकृति या अन्य वस्तु को अश्लील समझा जाएगा यदि वह कामोद्दीपक है, या कामुक व्यक्तियों के लिए रूचिकर है या उसका या (जहाँ उसमें दो या अधिक सुभिन्न मदें समाविष्ट हैं वहाँ) उसकी किसी मद का प्रभाव, समग्र रूप से विचार करने पर, ऐसा है जो उन व्यक्तियों को दुराचारी तथा भ्रष्ट बना, जिसके द्वारा उसमें  अन्तर्विष्ट विषय का पढ़ा जाना, देखा जाना या सुना जाना सभी सुसंगत परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सम्भाव्य है।

(2) जो कोई-

(क) किसी अश्लील पुस्तक, पुस्तिका, कागज, रेखाचित्र, रंगचित्र, रूपण या आकृति या किसी भी अन्य अश्लील वस्तु को चाहे वह कुछ भी हो, बेचेगा, भाड़े पर देगा, वितरित करेगा, लोक प्रदर्शित करेगा, या उसको किसी भी प्रकार परिचालित करेगा, या उसे विक्रय, भाड़े, वितरण, लोक प्रदर्शन या परिचालन के प्रयोजनों के लिए रचेगा, उत्पादित करेगा, या अपने कब्जे में रखेगा, अथवा

(ख) किसी अश्लील वस्तु का आयात या निर्यात या प्रवहण पूर्वोक्त प्रयोजनों में से किसी प्रयोजन के लिए करेगा या यह जानते हुए, या यह विश्वास करने का कारण रखते हुए करेगा कि ऐसी वस्तु बेची, भाड़े पर दी, वितरित या लोक प्रदर्शित, या किसी प्रकार से परिचालित की जाएगी, अथवा

(ग)  किसी ऐसे कारोबार में भाग लेगा या उससे लाभ प्राप्त करेगा, जिस कारोबार में वह यह जानता है या विश्वास करने का कारण रखता है कि ऐसी कोई अश्लील वस्तुएँ पूर्वोक्त प्रयोजनों में से किसी प्रयोजन में से किसी प्रयोजन के लिए रची जाती, उत्पादित की जाती, क्रय की जाती, रखी जाती, आयात की जाती, निर्यात की जाती, प्रवहण की जाती, लोक प्रदर्शित की जाती या किसी भी प्रकार से परिचालित की जाती है, अथवा

(घ) यह विज्ञापित करेगा या किन्हीं साधनों द्वारा चाहे वे कुछ भी हों यह ज्ञात कराएगा कि कोई व्यक्ति किसी ऐसे कार्य में, जो इस धारा के अधीन अपराध है, लगा हुआ है, या लगने के लिए तैयार है या यह कि कोई ऐसी अश्लील वस्तु किसी व्यक्ति से या किसी व्यक्ति के द्वारा प्राप्त की जा सकती है, अथवा

(ङ) किसी ऐसे कार्य को जो इस धारा के अधीन अपराध है, करने की प्रस्थापना करेगा या करने का प्रयत्न करेगा,

 प्रथम दोषसिद्धि होने पर दोनों में से किसी भाँति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी और जुर्माने से, जो दो हजार रूपये तक हो सकेगा, तथा द्वितीय या पश्चात्वर्ती दोषसिद्धि की दशा में दोनों में से किसी भाँति के कारावास से, जिसकी अवधि पाँच वर्ष तक की हो सकेगी और जुर्माने से भी, जो पाँच हजार रूपये तक का हो सकेगा, दण्डित किया जाएगा।

अपवाद- इस धारा का विस्तार निम्नलिखित पर नहीं होगा-

(क) कोई ऐसी पुस्तक, पुस्तिका, कागज, लेख, रेखाचित्र, रंगचित्र, रूपण या आकृति-

  1. जिसका प्रकाशन लोक हित में होने के कारण इस आधार पर न्यायोचित साबित हो गया है कि ऐसी पुस्तक पुस्तिका, कागज, लेख, रेखाचित्र, रंगचित्र, रूपण या आकृति विज्ञान, साहित्य, कला या विद्या या सर्वजन सम्बन्धी अन्य उद्देश्यों के हित में है, अथवा
  2. जो सद्भावपूर्वक धार्मिक प्रयोजनों के लिए रखी या उपयोग में लाई जाती है;

(ख) कोई ऐसा रूपण जो-

  1. प्राचीन संस्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 1958 का 24 के अर्थ में प्राचीन संस्मारक पर या उसमें, अथवा
  2. किसी मन्दिर पर या उसमें या मूर्तियों के प्रवहण के उपयोग में लाए जाने वाले या किसी धार्मिक प्रयोजन के लिए रखे या उपयोग में लाए जाने वाले किसी रथ पर, तक्षित, उत्कीर्ण, रंगचित्रित या अन्यथा रूपित हो।

191.   तरूण व्यक्तिय को अश्लील वस्तुओं का विक्रय आदि- जो कोई बीस वर्ष से कम आयु के किसी व्यक्ति को कोई ऐसी अश्लील वस्तु, जो अन्तिम पूर्वगामी धारा में निर्दिष्ट है, बेचेगा, भाड़े पर देगा, वितरण करेगा, प्रदर्शित करेगा या परिचालित करेगा या ऐसा करने की प्रस्थापना या प्रयत्न करेग,ए प्रथम दोषसिद्धि पर दोनों में से किसी भाँति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी और जुर्माने से, जो दो हजार रूपये तक हो सकेगा, तथा द्वितीय या पश्चात्वर्ती दोषसिद्धि की दशा में दोनों में से किसी भाँति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी और जुर्माने से भी, जो पाँच हजार रूपये तक का हो सकेगा, दण्डित किया जाएगा।

192.   अश्लील कार्य और गाने- जो कोई-

(क) किसी लोक स्थान में कोई अश्लील कार्य करेगा; अथवा

(ख) किसी लोक स्थान में या उसके समीप कोई अश्लील गाने, पवांड़े या शब्द गाए, सुनाएगा या उच्चारित करेगा, जिससे दूसरे को क्षोभ होता हो;

 वह दोनों में से किसी भाँति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।

 294क. लाटरी कार्यालय रखना- जो कोई ऐसी कोई लाटरी, जो न तो राज्य लाटरी हो और न तत्सम्बन्धित राज्य सरकार द्वारा प्राधिकृत लाटरी हो, निकालने के प्रयोजन के लिए कोई कार्यालय या स्थान रखेगा, वह दोनों में किसी भाँति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा;

 तथा जो कोई ऐसी लाटरी में किसी टिकट, लाट, संख्यांक या आकृति को निकालने से सम्बन्धित या लागू होने वाली किसी घटना या परिस्थिति पर किसी व्यक्ति के फायदे के लिए किसी राशि को देने की, या किसी माल के परिदान को या किसी बात को करने की, या किसी बात से प्रविरत रहने की कोई प्रस्थापना प्रकाशित करेगा, वह जुर्माने से, जो एक हजार रूपये तक की हो सकेगा, दण्डित किया जाएगा।

156 thoughts on “लोक स्वास्थ्य, क्षेम, सुविधा, शिष्टता और सदाचार पर प्रभाव डालने वाले अपराधों के विषय में- अध्याय 14”
  1. I’m extremely inspired together with your writing abilities as neatly as with the structure for
    your blog. Is that this a paid theme or did you modify it yourself?
    Anyway keep up the nice high quality writing, it’s uncommon to see a nice weblog like this one nowadays.
    Madgicx!

  2. Hey! I know this is kind off topic however , I’d figured I’d ask.
    Would you be interested in trading links or maybe guest
    authoring a blog article or vice-versa? My website discusses a lott of thhe same subjects as youirs
    and I think we could greatly benefit from eaxh other. If you happen to be interested feel free to
    shoot me an email. I look forward to hearing freom you!
    Wonderful bog by the way!

    Feel free to surf to my web-site :: https://www.fapjunk.com

  3. Grеаt beat ! I ѡish tto apprentice while yoᥙ amend yoᥙr site, hoᴡ could i subscribe for а
    blog site? The account heped mе a acceptable deal.
    І hhad beеn a ⅼittle bit acquainted of tһis yоur broadcast povided bright clear idea

    my sitge … odiasexcom

  4. Hey! I know this is kinda off topic however , I’d figured I’d ask.
    Would you be interested in trading links or maybe guest
    authoring a blog post or vice-versa? My site covers a lot of the same subjects as yours
    and I feel we could greatly benefit from each other.

    If you happen to be interested feel free to shoot me an email.
    I look forward to hearing from you! Wonderful blog by the way!

  5. Woah! I’m really loving the template/theme of this site. It’s simple, yet effective. A lot of times it’s difficult to get that “perfect balance” between usability and visual appearance. I must say that you’ve done a great job with this. In addition, the blog loads extremely quick for me on Internet explorer. Excellent Blog!

  6. اپتی من، یک مولتی ویتامین جامع و قدرتمند است که به طور اختصاصی برای نیازهای تغذیه‌ای آقایان، به ویژه ورزشکاران، طراحی شده است.

  7. ایزوفیت، وی ایزوله ایزوفیت ناترکس حاوی ۲۵ گرم پروتئین وی ایزوله ۱۰۰٪ در هر سروینگ است که با روش میکروفیلتراسیون پیشرفته تولید شده و جذب سریع دارد.

  8. I likje the valuable info you provide in your articles.
    Ӏ will bookmark yoᥙr blog аnd check agаin һere regularly.

    I am գuite certain I’ll learn a lot оf new stuf right һere!
    Beѕt of luk fօr the next!

    Feel free to visit mʏ web site: youjizz

  9. Wonderful beat ! І would likе to apprentice whiⅼe you
    amend your site, һow could i subscribe fօr ɑ blog site?
    Ꭲhе account helped mе a apрropriate deal.

    Ι hɑve been a little bit acquainted օf tһis yoiur broadcast offered brilliant transparent idea

    Нere is my blpog – youjizz

Leave a Comment