डॉक्ट्रिन ऑफ पार्ट परफॉर्मेंस और पिनल लॉ क्या है? (सेक्शन 53A)- part 21
आंशिक पालन का सिद्धांत (doctrine of part performance) क्या है? डॉक्ट्रिन ऑफ पार्ट परफॉर्मेंस का सामान्य आशय यह है कि किसी संविदा के आंशिक...
आंशिक पालन का सिद्धांत (doctrine of part performance) क्या है? डॉक्ट्रिन ऑफ पार्ट परफॉर्मेंस का सामान्य आशय यह है कि किसी संविदा के आंशिक...
संविदा का पालन संविदा के उन्मोचन का सामान्य विधिक तरीका है। क्योंकि विधि द्वारा प्रवर्तनीयता ही एक वैध संविदा का आधार है। संविदा के...
समाश्रित संविदा (Contingent Contract) Indian Contract Act का सेक्शन 31 समाश्रित संविदा को परिभाषित करते हुए कहता है कि- “Contingent contract” defined.—A “contingent contract...
साधारण अपवाद का आशय है ऐसा अपवाद जो सामान्य या साधारण रूप से आईपीसी के सभी अपराधों के लिए लागू होता हो, भले ही...
शून्य और शून्यकरणीय संविदा शून्य और शून्यकरणीय संविदा ऐसी संविदाएँ हैं जो विधिक रूप से मान्य संविदा की सभी शर्तों को पूरा नहीं करती। शून्य संविदा...
साधारण अपवाद वाले आईपीसी से अध्याय 4 में जिन 12 प्रकार के अपवादों का उल्लेख है उनमें बाल्यपन, पागलपन और मत्तता भी आते हैं।...
विधिपूर्ण विषयवस्तु (lawful object) और विधिपूर्ण प्रतिफल (lawful consideration) विधिपूर्ण विषयवस्तु और विधिपूर्ण प्रतिफल किसी भी वैध संविदा के लिए अनिवार्य है। सेक्शन 10 के अनुसार एक संविदा...
साधारण अपवाद ऐसी स्थितियाँ होती हैं, जिसमें किया गया कार्य कोई आपराधिक दायित्व उत्पन्न नहीं करता है। क्योंकि कानून इसे इसकी विशेष स्थितियों के...
संविदा पर भूल (mistake) का प्रभाव संविदा में भूल का प्रभाव निर्णायक होता है। The Indian Contract Act का सेक्शन 20, 21 और 22 संविदा करने मे हुए...
कपट और दुर्व्यप्देशन से अगर संविदा के लिए सहमति प्राप्त की जाती है, तो यह सहमति स्वतंत्र नहीं मानी जाती है और पीड़ित पक्ष के पास...