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डॉक्ट्रिन ऑफ पार्ट परफॉर्मेंस और पिनल लॉ क्या है? (सेक्शन 53A)- part 21

आंशिक पालन का सिद्धांत (doctrine of part performance) क्या है? डॉक्ट्रिन ऑफ पार्ट परफॉर्मेंस का सामान्य आशय यह है कि किसी संविदा के आंशिक...

संविदा का उन्मोचन-संविदा पालन द्वारा (सेक्शन 37- 67)-part 20

संविदा का पालन संविदा के उन्मोचन का सामान्य विधिक तरीका है। क्योंकि विधि द्वारा प्रवर्तनीयता ही एक वैध संविदा का आधार है। संविदा के...

शून्य संविदा और शून्यकरणीय संविदा क्या है? (सेक्शन 10, 14, 19A, 20, 23-30)- Part 18

शून्य और शून्यकरणीय संविदा शून्य और शून्यकरणीय संविदा ऐसी संविदाएँ हैं जो विधिक रूप से मान्य संविदा की सभी शर्तों को पूरा नहीं करती। शून्य संविदा...

विधिपूर्ण विषयवस्तु और विधिपूर्ण प्रतिफल क्या है? (सेक्शन 23)- Part 17

विधिपूर्ण विषयवस्तु (lawful object) और विधिपूर्ण प्रतिफल (lawful consideration) विधिपूर्ण विषयवस्तु और विधिपूर्ण प्रतिफल किसी भी वैध संविदा के लिए अनिवार्य है। सेक्शन 10 के अनुसार एक संविदा...

साधारण अपवाद: न्यायिक कार्य, दुर्घटना, तुच्छ अपराध, संवाद और अवपीडन (s 76- 106)-part 4.1

साधारण अपवाद ऐसी स्थितियाँ होती हैं, जिसमें  किया गया कार्य कोई आपराधिक दायित्व उत्पन्न नहीं करता है। क्योंकि कानून इसे इसकी विशेष स्थितियों के...

संविदा में भूल के विधिक परिणाम क्या हैं?- Part 16 (सेक्शन 20, 21, 22)

संविदा पर भूल (mistake) का प्रभाव    संविदा में भूल का प्रभाव निर्णायक होता है। The Indian Contract Act का सेक्शन 20, 21 और 22 संविदा करने मे हुए...

कपट और दुर्व्यप्देशन से प्राप्त सहमति का संविदा पर प्रभाव (सेक्शन 10, 13, 14, 17, 18, 19)- part 15

कपट और दुर्व्यप्देशन से अगर संविदा के लिए सहमति प्राप्त की जाती है, तो यह सहमति स्वतंत्र नहीं मानी जाती है और पीड़ित पक्ष के पास...